कवि की करुण पुकार – आचार्य डॉ अजय दीक्षित “अजय” स्नानादि से निवृत्त होने के बाद हनुमानजी के मंदिर जाकर उनसे जाने-अनजाने किए गए पापों की क्षमा मांग लें, तुरंत ही संकटों से मुक्ति मिलना शुरू हो जाएगी। पारिजात वृक्ष – किंटूर – छुने मात्र से मिट जाती है थकान https://netwebdirectory.com/listings13054976/how-free-upay-and-totke-can-save-you-time-stress-and-money