धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः https://winbetsite46890.celticwiki.com/1021259/top_guidelines_of_shiv_chalisa_in_hindi